Ambedkar Quotes In Hindi ! डॉ भीमराव अंबेडकर अनमोल विचार – PoetryDukan
भीमराव अम्बेडकर जिन्होंने भारतीय सविधान को लिखा, और ये ऐसे इकलौते भारतीय है, जिन्होंने दलितो, वंचितों, पिछड़ो को सामाजिक अधिकार दिलाने के लिए अपना सारा जीवन इन्ही लोगो को समर्पित कर दिया। आज भी बाबा साहेब पिछड़ो, दलितों के लिए प्रेरणा के श्रोत हैं। आइए जानते हैं उनके कोट्स एवं अनमोल विचार:-
किसी के गुलाम बन कर जिओगे तो कुत्ता समझ कर लात मारेगी ये दुनिया, और नवाब बन कर जिओगे तो शेर समझ कर सलाम ठोकेगी ये दुनिया।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
धर्म में प्रधान रूप से केवल सिद्धांतों की ही बात होनी चाहिए, यहां किसी तरह के नियमों की बात नहीं हो सकती।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
कानून और व्यवस्था ये दोनों राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा जरूर दी जाती है।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
मेरे नाम की जय-जयकार करने से सो गुना अच्छा है, मेरे बताए हुए पथ पर आप चलें।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
अगर मुझे लगा कि संविधान का अनुचित उपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
रातभर के लिए मैं इसलिये जागता हूँ क्योंकि मेरा समाज सो रहा है।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत को एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता को दोहराता है उसे ये भी स्वीकार करना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शाशन नहीं कर सकता।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
पति-पत्नी के बीच का सम्बन्ध समीप मित्रों के सम्बन्ध के सामान होना चाहिए।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
में राजनीति में कोई सुख भोगने नहीं आया, बल्कि अपने सभी दबे-कुचले भाईयों को उनके अधिकार दिलाने के लिए आया हूँ।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
मनुवादी को जड़ से खत्म करना मेरे जीवन का पहला लक्ष्य है।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
बेसके मैं हिंदू धर्म मे पैदा हुआ था, लेकिन मैं सत्यनिष्ठा से आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं हिन्दु के रूप में मरूगां नहीं।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
एक इतिहासवेत्ता ईमानदार, सटीक और स्प्ष्ट होना चाहिए।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
संविधान, यह सिर्फ वकीलों का दस्तावेज नहीं। यह जीवन का एक माध्यम है।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
मैं गौरी, गणपति और हिन्दुओं के अन्य किसी भी देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी कभी पूजा करूँगा
डॉ बी. आर अम्बेडकर
सामाजिक अत्याचार राजनीतिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है और एक सुधारक जो समाज को निलंबित कर देता है वो सरकार को निलंबित कर देने वाले राजनीतिज्ञ से कहीं अधिक साहसी होता है।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
एक प्रतिष्टित व्यक्ति एक महान व्यक्ति से अलग है क्योंकि वह समाज का सेवक बनने के लिए हमेशा तैयार रहता है।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
किसी भी चीज का स्वाद बदला जा सकता है लेकिन जहर को अमृत में कभी भी परिवर्तित नही किया जा सकता।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
हर तरह का न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
मन की स्वतंत्रता ही वास्तविक आज़ादी है
डॉ बी. आर अम्बेडकर
में किसी समुदाय की प्रगति या महिलाओं के द्वारा हासिल की गई प्रगति को हमेशा में मापता हूँ।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
आज भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं द्वारा घृणास्पद हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में झलक हैं वो समानता, स्वतंत्रता और भाई-चारे को स्थापित करते हैं, और उनके धर्म में निहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते है।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
जीवन की अवधि अधिक होने की बजाय महान होनी चाहिए।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
मनुष्य घातक है। उसी तरह विचार भी घातक हैं। एक विचार को प्रचार प्रसार की जरूरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की नही तो दोनों मुर्झा कर मर जाते हैं।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
एक सुरक्षित सेना, एक देश की सुरक्षित सीमा से बेहतर है।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
हिंदू धर्म में, किसी कारण, विवेक, और आजाद सोच के विकास के लिए कोई भी गुंजाइश नहीं हैं।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
बुद्धि का विकास करना, मानव के अस्तित्व का जरूरी लक्ष्य होना चाहिए।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
मैं कभी यह नहीं मानता और न कभी मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे। मैं इसे झूठ और पागलपन प्रचार-प्रसार मानता हूँ।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
जो वर्ग अपना इतिहास नहीं जनता, वह वर्ग कभी भी जीवन मे इतिहास नहीं बना सकता।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
भाग्य में नही अपनी शक्ति, अपने आप पर विश्वास रखो।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
हमारे पास यह स्वतंत्रता किस लिए है ? हमारे पास ये स्वतंत्रता इसलिए है ताकि हम अपने सामाजिक व्यवस्था, जो असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से भरी है, जो हमारे मौलिक अधिकारों से टकराव में है उसे सुधार सकें।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
लोग और उनके धर्मो को सामाजिक मानकों द्वारा सामाजिक नैतिकता के आधार पर परखे जाने चाहिए। अगर धर्म को लोगो के भले के लिए आवशयक मान लिया जायेगा तो और किसी मानक का मतलब नहीं होगा।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
उदासीनता लोगों को सबसे प्रभावित करने वाली सबसे खराब किस्म की बिमारी है।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
राष्ट्रवाद तभी समर्थन ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग के अंतर भुलाकर उसमें सामाजिक भाईचारे को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।
डॉ बी. आर अम्बेडकर
मैं तो जीवन भर देश के लिए कार्य कर चुका हूँ अब इसके लिए नौजवान आगे आए।
डॉ बी. आर अम्बेडकर