रामधारी सिंह दिनकर जीवन परिचय ! Ramdhari Singh Dinkar Biography Hindi 2023
हेलो दोस्तो आज के इस लेख में हम बात करने वाले है Ramdhari Singh Dinkar Biography Hindi रामधारी सिंह दिनकर जी 1908 -1974 के प्रमुख हिंदी लेखक थे । दिनकर जी को राष्ट्र कवि आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में में भी जाना जाता हैं रामधारी सिंह दिनकर हिंदी भाषा के मुख्य कवि और लेखक थे। दिनकर जी को उनकी रचनाओं के लिए पदम विभूषण पुरुस्कार से भी सम्मानित किया गया। दिनकर जी की कविताओं में ओज, आक्रोश और विरता की झलक दिखाई देती है । इसीलिए दिनकर जी को आधुनिक काल का सबसे उच्च कोटि का वीर रस कवि माना जाता है। रामवृक्ष बेनीपुरी जी ने दिनकर जी के बारे में कहा कि दिनकर जी ने देश में क्रान्तिकारी आन्दोलन को स्वर दिया। Ramdhari Singh Dinkar Biography Hindi
दिनकर जी की कविताओं में देशभक्ति और आक्रोश दिखता है। नामवर सिंह ने उनकी प्रशंसा में कहा कि दिनकर जी अपने युग के सचमुच सूर्य थे। भारत के स्वतंत्र होने के पश्चात दिनकर जी मुख्य रूप से गद्य सृजन की ओर उन्मुख हो गए। उन्होंने स्वयं कहा है ‘सरस्वती की जवानी कविता है और उसका बुढ़ापा दर्शन है।
भारतवर्ष के सर्वप्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने 1959 को दिनकर जी को पदम विभूषण पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। देश की स्वतंत्रता से पहले दिनकर जी को विद्रोही कवि के रूप में जाना जाता था और आजादी के बाद इन्हें राष्ट्रकवि के नाम से विभूषित किया गया । Ramdhari Singh Dinkar Biography Hindi
रामधारी सिंह दिनकर जीवन परिचय ! Ramdhari Singh Dinkar Biography Hindi
जीवन परिचय – राष्ट्रकवि रामधारी सिंह जी का जन्म 23 सितंबर 1908 को सिमरिया, मुंगेर (बिहार) में हुआ था। इनके पिता रवि सिंह जी एक सामान्य से किसान थे। और उनकी माता जी मनरूप देवी जी सामान्य ग्रहणी थीं। दिनकर जी जब 2 वर्ष के थे। उसी समय इनके पिता का देहांत हो गया था। विधवा माँ ने किसी तरह बच्चों का पालन पोषण किया। बचपन से ही संघर्ष भरा जीवन जीने के वजह से ही शायद दिनकर जी की कविताओं में भी संघर्षता का भाव झलकता है। और 24 अप्रैल, 1974 को रामधारी (राष्ट्रकवि) सिंह दिनकर जी का निधन हो गया। लेकिन वे और उनकी रचनाओं के सहारे हमेशा अमर रहेंगे।
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शिक्षा :- राष्ट्रकवि दिनकर जी की प्राथमिक शिक्षा अपने गाँव के ही एक छोटे प्राथमिक विद्यालय में प्राप्त की। बाद में मोकामाघाट हाई स्कूल नामक स्कूल से इन्होंने हाईस्कूल की शिक्षा प्राप्त की। उस समय कम उम्र में ही विवाह कर दिया जाता था और दिनकर जी का भी विवाह हो गया इसके उपरांत एक पुत्र का भी जन्म हुआ। 1932 में दिनकर जी ने बी.ऐ इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से की और साहित्य के रूप में इन्होंने संस्कृत, बंग्ला, अंग्रेजी और उर्दू का गहन अध्ययन भी किया था।
बी. ए. ऑनर्स होने के बाद दिनकर जी को एक स्कूल में प्रधानाध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया। फिर 1934 में बिहार सरकार में सब-रजिस्ट्रार के पद पर भी कार्य किया। आगे चलकर भागलपुर विश्वविद्यालय में उपकुलपति का कार्यभार संभाला। बाद में भारत सरकार के हिंदी सलाहकार के रूप में भी कार्य किया।
सम्मान :- भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 1959 दिनकर जी को पदम् विभूषण से सम्मानित किया गया। रचना उर्वशी के लिए दिनकर जी को ज्ञानपीठ पुरुस्कार मिला, उर्वशी एक स्वर्ग की अप्सरा पर रचित कहानी है इस रचना में प्रेम और संबंधों की झलक दिखती है। उर्वशी को छोड़कर दिनकर जी की सभी रचनाओं में वीर रस की भावना दिखाई देती है। दिनकर जी द्वारा रचित काव्य “कुरुक्षेत्र” को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ काव्यों में 64 वां स्थान मिला। दिनकर जी की पुस्तक “संस्कृति के चार अध्याय” भारतीय संस्क्रति और इसकी विविधता पर आधारित है इसके लिए दिनकर जी को साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया।
राष्ट्रकवि ने बाल साहित्य पर भी कुछ अच्छी रचनायें भी लिखी हैं जिनमें ‘सूरज का ब्याह’ और ‘मिर्च का मजा’ काफी प्रसिद्ध हैं। उनकी रचना ‘रश्मिरथी’ कर्ण के चित्रण पर आधारित है।।
दिनकर जी की कविता ‘वीर’ से कुछ महत्वपूर्ण पंक्तियाँ इस प्रकार हैं –
“खम ठोक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़,
मानव जब ज़ोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है”
दिनकर जी के महत्वपूर्ण काव्य और गद्य कुछ इस प्रकार है –
काव्य –
1. बारदोली-विजय संदेश 1928
2. प्रणभंग 1929
3. रेणुका 1935
4. हुंकार 1938
5. रसवन्ती 1939
6. द्वन्द्गीत 1940
7. कुरूक्षेत्र 1946
8. धुप-छाह 1947
9. सामधेनी 1947
10. बापू 1947
11. इतिहास के आँसू 1951
12. धूप और धुआँ 1951
13. मिर्च का मजा 1951
14. रथिमरथी 1952
15. दिल्ली 1954
16. नीम के पत्ते 1954
17. नील कुसुम 1955
18. सूरज का ब्याह 1955
19. चक्रवाल 1956
20. कवि-श्री 1957
21. सीपी और शंख 1957
22. नये सुभाषित 1957
23. लोकप्रिय कवि दिनकर 1960
24. उर्वशी 1961
25. परशुराम की प्रतीक्षा 1963
26. आत्मा की आँखें 1964
27. कोयला और कवित्व 1964
28. मृत्ति-तिलक 1964
29. दिनकर की सूक्तियाँ 1964
30. हारे की हरिनाम 1970
गद्य –
31. मिटूटी की ओर 1946
32. चित्तोड़ का साका 1948
33. अर्धनारीश्वर 1952
34. रेती के फूल 195435. हमारी सांस्कृतिक एकता 1955
36. भारत की सांस्कृतिक कहानी 1955
37. संस्कृति के चार अध्याय 1956
38. उजली आग 1956
39. देश-विदेश 1957
40. राष्ट्र-भाषा और राष्ट्रीय एकता 1955
41. काव्य की भूमिका 1958
42. पन्त-प्रसाद और मैथिलीशरण 1958
43. वेणु वन 1958
44. धर्म, नैतिकता और विज्ञान 1969
45. वट-पीपल 1961