एक मशवरा चाहिए था जनाब दिल तोड़ा है एक बेवफा ने अब जान दु या जाने दु ।।

हम हस्ते जरूर है जनाब लेकिन दुसरो को हंसाने के लिए वरना दिल पर इतना जख्म खाए है कि अब रोया भी नही जाता ।।

मेने आजाद कर दिया हर वो रिश्ता हर वो इंसान जो सिर्फ अपने मतलब के लिए मेरे साथ था ।।

दुख भरी जिंदगी है जनाब अब तो खुदखुशी की भी हिम्मत नही रही मुझमे उस रब से दुआ  है की कोई हादसा ही हो जाए ।।

किसी की झूठी हमदर्दी नही चाहिए साहब अपनी तकलीफ  के साथ खुश है हम …।